एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब परिवार में रहने वाला लड़का था जिसका नाम मोहन था। मोहन का परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर था और उन्हें अच्छी शिक्षा देने की संभावना भी नहीं थी।
मोहन को बचपन से ही पढ़ाई में रुचि थी और वह हमेशा नयी चीजों को सीखने और जानने के लिए बेताब रहता था। अपनी अस्तित्वा की चिंता करते हुए उसने एक दिन अपने गांव के स्कूल में एडमिशन लिया।मोहन अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए मेहनत करता रहा और अपने दिनों का बहुत बड़ा हिस्सा पढ़ाई में लगाता था। वह दिन-रात किताबों में डूब जाता था और अपने सपनों की ओर बढ़ता जा रहा था।
मोहन की मेहनत और समर्पण के बावजूद, उसके परिवार के आर्थिक संकट के कारण उसे अच्छी शिक्षा देने के लिए अकेले लड़ना पड़ रहा था। धीरे-धीरे, मोहन ने अपनी पढ़ाई में ऊंचाइयों को छूना शुरू किया और उसने अद्वितीय परीक्षाएं भी पास की।
एक दिन
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